अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन के भारत में फैले कोविड वेरिएंट B.1.617 को वैश्विक चिंता का विषय बताने की खबरों के बीच, अब सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि इसे ‘इंडियन वेरिएंट’ नाम नहीं दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि WHO ने कोरोना वायरस के B.1.617 के साथ ‘इंडियन वेरिएंट’ नहीं जोड़ा है. WHO ने हाल ही में कहा था कि B.1.617 वेरिएंट 44 से ज्यादा देशों में फैल चुका है और ये वैश्विक चिंता का विषय है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि WHO ने 32 पन्नों के अपने डॉक्यूमेंट में B.1.617 वेरिएंट के लिए ‘भारतीय वेरिएंट’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. सरकार ने कहा कि इस मामले पर पूरी रिपोर्ट में कहीं भी ‘इंडियन’ शब्द का जिक्र नहीं है.
WHO ने भी दी सफाई
इस पूरे मामले पर WHO ने भी सफाई देते हुए कहा कि वो वायरस या वेरिएंट को उनके साइंटिफिक नामों
से पहचनाता है, न कि जिस देश में वो सबसे पहले रिपोर्ट हुए हों.
रिपोर्ट में क्या था?
11 मई को WHO ने अपने साप्ताहिक अपडेट मे कहा कि अक्टूबर में भारत में पहली बार पहचाने जाने वाले B.1.617 वेरिएंट के 4500 सीक्वेंस को WHO के सभी छह क्षेत्रों के 44 देशों से 11 मई तक GISAID ओपेन एक्सेस डाटाबेस में अपलोड किया जा चुका था. WHO ने पांच अतिरिक्त देशों से भी इस वेरिएंट के खोज की रिपोर्ट प्राप्त की है.
एविएन इन्फ्लुएंजा डेटा क एक जर्मन गैर-लाभकारी संगठन है, जो 2016 में फ्लू जीनोम साझा करने के लिए एक डेटाबेस के रूप में शुरू किया गया था.
WHO के SARS-CoV-2 वायरस इवोल्यूशन वर्किंग ग्रुप ने 11 मई को निर्धारित किया कि B.1.617 के लाइनेज के अंदर वायरस चिंता का एक प्रकार है. B.1.617 को प्रसारण की उच्च दरों के शुरूआती साक्ष्यों के आधार पर एक चिंता के विषय के रूप में घोषित किया गया था, जिसमें कई देशों में प्रचलन में तेजी से वृद्धि देखी गई थी.
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